क्या करूं ? 

क्या करूं ?

पानी सी रूह में

आग लगी है,
बरसों से जो पनप रही
वो आज लगी है,

नींद जाग रही है
रात भाग रही है,

इस गीत को बयां करने के लिए
कोई राग नहीं है ।
क्या करूं ?

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