हिंदी कलम की रगों में सियाही दौड़ती है भटक रहे अल्फाज़ो को एक दूसरे से जोड़ती है कोरे कागज़ों की किस्मत पलट दे कलम चुप चाप बहुत कुछ बोलती है । #jhc Share this: Click to share on X (Opens in new window) X Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook Like Loading...